Saturday, 19 October 2019

जब से वो तस्वीरों में मुस्कुराने लगे हैं
तब से हमें उनके असली रंग नज़र आने लगे हैं।
रंग तो पहले भी थे अनेक उनके
मगर अब वही रंग मौसम की तरह बदल जाने लगे हैं।

यूँ तो मालूम ना था हमें की दगा मिलेगी हमको
पर अब वो किसी और से वफ़ा के गीत गाने लगे हैं।
जब से तस्वीरों में वो मुस्कुराने.....

इश्क में उनके हुवे हैम कुछ यूँ बेघर
अब कभी घर पे और कभी घाट पे नज़र आने लगे हैं।
जब से तस्वीरों में वक मुस्कुराने....
29032018

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