Saturday, 19 October 2019

तुम्हे जन्नत की हर खुशी नसीब हो, हमे सैलाब ए गम ही सही तुम्हे वफ़ा नसीब हो हमे बेवफाई ही सही।
तुम्हे मिलन कि राते मिलें हमे रुसवाई मिलें।
तेरे दामन में फूल हो हमे काटें ही सही।।

तेरी वफ़ा को वफ़ा मिलने की उम्मीद करता हु।
तेरे मोती न बहे ये दुआ मैं करता हु।
तेरे होठो पे रहे सदा वो मुस्कान प्यारी।
तेरे यादें रहे सदा मेरे दिल मे सारि।
चाहे कर दे तू फना हर तस्वीर ए प्यार।
चाहे टुकड़े कर मेरे दिल के तू के हज़ार।
पर महबूब मेरे
तू कर न पायेगा फना अपनी यादो को।
सोच के तड़पेगा तू तब मेरी वफ़ा की रातों को।
दिल को बहलाएगा तू कैसे ये बता तो सही।
तुम्हे जन्नत की हर खुशी नसीब हो, हमे सैलाब ए गम ही सही।।

No comments:

Post a Comment