सब जगह सुनसान मुझको दीखता है,
जो बना अपना वही अनजान मुझको दीखता है।
हो न हो अपराध मेरा इस कथन में,
प्यार का भगवान अब हैवान मुझको दीखता है।।
जो बना अपना वही अनजान मुझको दीखता है।
हो न हो अपराध मेरा इस कथन में,
प्यार का भगवान अब हैवान मुझको दीखता है।।
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