तुझसे दूर
ये वादियां ये फ़िज़ाये,कुछ नहीं है तेरी निगहों के आगे,
ये फूलों की खुशबू,
कुछ नही है तेरी साँसों के आगे,
झुका के सिर सजदा करुं तेरी महफ़िल में
मूरत बना रखी है मैने अपने दिल में।
जब कभी नाम तेरा आता,
एकदम से दिल धड़क जाता है।
खुद से बेखुद हो जाता हुँ,
जब तुझको दूर खुद से पाता हुँ।
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